आज साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ब्रजकला केंद्र द्वारा पद्म भूषण दादा गोपाल दास नीरज जी की जयंती कार्यालय श्री राधा कृष्ण कृपा भवन आगरा रोड पर पूर्व प्रधानाचार्य गिरिराज सिंह गहलोत की अध्यक्षता में एवं कोषाध्यक्ष हरिशंकर वर्मा के संचालन में मनाई गई सर्वप्रथम संस्था अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा नीरज जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया कार्यक्रम में दादा गोपाल दास नीरज जी की कविताओं एवं गीतों का ही काव्य पाठ कवियों ने किया उसके उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ कवि दीपक रफी ने सुनाया "कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे"
सचिव बीना गुप्ता एडवोकेट ने कहा "औरों का धन सोना चांदी अपना धन तो प्यार है दिल से जो दिल का होता है वह अपना व्यापार है" कवि प्रदीप पंडित ने सुनाया "शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब उसमें फिर मिलाई जाए थोड़ी सी शराब" वरिष्ठ सदस्य पंडित अविनाश चंद्र पचौरी ने सुनाया "देखती ही ना रहो दर्पण चांद तुम प्यार का यह मुहूर्त निकल जाएगा" वरिष्ठ सदस्य पंडित ऋषि कुमार कौशिक ने सुनाया "अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए"
अंत में संस्था अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने भी नीरज जी के गीत को गुनगुनाते हुए उन्हें इस प्रकार श्रद्धांजलि दी "लिखे जो खत तुझे जो तेरी याद में हजारों रंग के नजारे बन गए- सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए जो रात आई तो सितारे बन गए"
इस अवसर पर कपिल नरूला, संतोष उपाध्याय, रामचंद्र, संदीप कश्यप,हाकिम चौधरी,अनुज कुमार, हरेंद्र बघेल आदि मौजूद थे