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हाथरस

जिलाधिकारी हाथरस और मुख्य विकास अधिकारी ने पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान के शुभारंभ के अवसर पर प्रचार प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
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जिलाधिकारी हाथरस अर्चना वर्मा और मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने  01 अप्रैल से 30.जून तक आयोजित होने वाले पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर से  प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

दिनांकः 01.05.2023 से 30.06.2023 तक आयोजित होने वाले पानी नही केवल स्तनपान अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभ्यिान का उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना है कि शिशु की 06 माह की आयु तक शीघ्र व केवल स्तनपान उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यन्त आवश्यक है। शिशु के जन्म के एक घण्टे के अन्दर स्तनपान कराया जा सकें तथा इसमे बढोत्तरी हो सकें। उन्होनें जानकारी देते हुए कहा कि माँ का पहला दूध (कोलस्ट्रम) नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है। यह शिशु का पहला टीकाकरण है, जो उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है। साथ ही यह शिशु का पेट साफ करने में सहायता करता है। माँ के दूध में 90 प्रतिशत पानी होता है। खासकर स्तनों से आने वाला पहला दूध, जो शिशु की पानी की आवश्यकता पूरी करता है, बाद में निकलने वाला गाडा दूध शिशु की आवश्यकता के समस्त पोषक तत्व प्रदान करता है। शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए माँ के दूध में समस्त पोषक तत्व व उर्जा होती है जो पानी से बिलकुल नहीं मिलती। यदि शिशु भूखा हो, तो उसे माँ का दूध दें। यदि शिशु प्यासा हो, तो भी उसे केवल माँ का दूध दें। मौसम के तापमान, आर्द्रता/नमी तथा शिशु के वजन के अनुसार, उसे प्रतिदिन 80-100 मि०लि०/किलो जन्म के पहले सप्ताह में तथा 140-160 मि०लि०/किलो 3 से 6 माह की आयु में तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है। यदि माँ शिशु को केवल स्तनपान करा रही है तो शिशु की सारी तरल पदार्थों की आवश्यकता स्तनपान से ही पूरी हो जाती है। 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए। अपवाद के रूप में केवल ओ०आर०एस०, विटामिन सीरप या दवाइयां दी जा सकती हैं, वह भी प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श के पश्चात।